मेरी आबादी, तेरी आबादी
मनुष्य सभ्यता विकास के हजारों वर्षों के बाद भी आदिकालीन सभ्यता के हिंसक गुण समाप्त नहीं हुये, सो आज भी साम्प्रदायिक दंगे होते हैं, जाति के बीच आपसी वैमनस्य वैसे ही विद्यमान है, जैसे पहले थी!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें